tag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post8949027474248191961..comments2023-10-19T06:34:42.677-07:00Comments on मुस्कुराते पल-कुछ सच कुछ सपने: आधी रात का चाँद और मैं---मेरी पचासवीं कविताविनोद कुमार पांडेयhttp://www.blogger.com/profile/17755015886999311114noreply@blogger.comBlogger30125tag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-37536174050341835082010-01-11T12:22:58.153-08:002010-01-11T12:22:58.153-08:00५०वी कविता के साथ साथ यूनिकविता प्रतियोगिता में हि...५०वी कविता के साथ साथ यूनिकविता प्रतियोगिता में हिन्दयुग्म के सम्मान के लिए आपको हार्दिक बधाई. <br /><br />सुन्दर भावों, उपयुक्त शब्द-चयन का निभाव - देखने वाला है.<br />बहुत सुन्दर रचना है.<br /><a href="http://mahavirsharma.blogspot.com" rel="nofollow">महावीर शर्मा</a>महावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-51503564373892589982010-01-11T10:18:53.720-08:002010-01-11T10:18:53.720-08:00Pandey ji aapki poem maine hindyugm per dekhi thi....Pandey ji aapki poem maine hindyugm per dekhi thi...bahut acchhi rachna he. dec. me bhi aap 2nd no. per hai.<br />vaha aapki snap dekhi thi...aap bahut acchha likhte hai..maine b apni post vahi di thi 14th place per hai.<br /><br />mere blog per aane k liye shukriya.अनामिका की सदायें ......https://www.blogger.com/profile/08628292381461467192noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-84098032781825743812010-01-09T22:07:29.048-08:002010-01-09T22:07:29.048-08:00आपकी यह रचना हिंदयुग्म पर पढ़ने का सौभाग्य मिला था....आपकी यह रचना हिंदयुग्म पर पढ़ने का सौभाग्य मिला था..मगर पुनर्पाठ आनन्ददायी रहा..जैसा कि कहा था..अपने अलग भावार्थों के बावजूद सब्जेक्ट के वजह से दिनकर के चाँद की याद दिलाती है यह कविता..और हकीकतबयानी का यह अंदाज भी<br /><br />इंसानी फ़ितरत देख कर, <br />तुम भी सूरज की भाँति आग में जल जाते!!अपूर्वhttps://www.blogger.com/profile/11519174512849236570noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-55526394573218805332010-01-09T18:31:04.240-08:002010-01-09T18:31:04.240-08:00शुक्र है खुदा का,तुम दिन में नही आते,
अन्यथा इंसा...शुक्र है खुदा का,तुम दिन में नही आते, <br />अन्यथा इंसानी फ़ितरत देख कर, <br />तुम भी सूरज की भाँति आग में जल जाते!!<br />पचासवी कविता अत्यंत खूबसूरत है. सच बयान करती. <br />बेहतरीन्M VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-22169679197666875902010-01-09T11:16:35.724-08:002010-01-09T11:16:35.724-08:00Ardh Shatak ki badhai...sundar Rachna !!Ardh Shatak ki badhai...sundar Rachna !!Akanksha Yadavhttps://www.blogger.com/profile/10606407864354423112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-45699148556130322322010-01-09T06:43:35.757-08:002010-01-09T06:43:35.757-08:00विनोद ज्वी 50 वीं कविता के लिये बधाई भी स्वीकार कर...विनोद ज्वी 50 वीं कविता के लिये बधाई भी स्वीकार करेंनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-16639170948484113322010-01-09T06:38:14.034-08:002010-01-09T06:38:14.034-08:00चाँद तुम बडे भोले हो
इन्सान के झाँसे मे आ जाते हो...चाँद तुम बडे भोले हो <br />इन्सान के झाँसे मे आ जाते हो<br /><br />कभी दिन मे आना <br />वाह बहुत सुन्दर चाँद के बहाने आज के इन्सान की सही तस्वीर पेश की है। आपकी नज़र समाज पर खूब रहती है लाजवाब रचना है बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-51339921200800530432010-01-09T03:37:23.389-08:002010-01-09T03:37:23.389-08:00आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनाय...आपको और आपके परिवार को नए साल की हार्दिक शुभकामनायें!<br />बहुत बढ़िया रचना लिखा है आपने!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-37297455149506670542010-01-09T00:32:53.372-08:002010-01-09T00:32:53.372-08:00शुक्र है खुदा का,तुम दिन में नही आते,
अन्यथा इंसा...शुक्र है खुदा का,तुम दिन में नही आते, <br />अन्यथा इंसानी फ़ितरत देख कर, <br />तुम भी सूरज की भाँति आग में जल जाते....<br /><br />बंधु बहुत की सटीक और हूबहू चित्रन किया है इंसान की प्रवृति का ...... आवको ५० वी पोस्ट के लिए बहुत बहुत बधाई ......... बहुत ही शशक्त और प्रभावी रचना है ..........दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-33699771875788681362010-01-08T19:41:30.781-08:002010-01-08T19:41:30.781-08:00अच्छी भावपूर्ण कविता।अच्छी भावपूर्ण कविता।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-71836550346525055732010-01-08T08:24:56.000-08:002010-01-08T08:24:56.000-08:00तुम्हारी शीतलता और निर्मलता सलामत रहे,
शुक्र है खु...तुम्हारी शीतलता और निर्मलता सलामत रहे,<br />शुक्र है खुदा का,तुम दिन में नही आते, <br />अन्यथा इंसानी फ़ितरत देख कर, <br />तुम भी सूरज की भाँति आग में जल जाते!!<br /><br />बहुत ही सुन्दर रचना है।<br />हिन्द-युग्म में सम्मानित होने पर बधाई!डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-87752837072654157162010-01-08T03:32:47.068-08:002010-01-08T03:32:47.068-08:0050 vi kavita ki badhayi.
bahut hi katu satya bol ...50 vi kavita ki badhayi.<br /><br />bahut hi katu satya bol diya .......har pankti lajawaab.......har shabd sochne ko badhya karta hua aur yahi lekhan ki sarthakta hai...............bahut, bahut, bahut hi shandar rachna........badhayi.vandana guptahttps://www.blogger.com/profile/00019337362157598975noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-11987758838083073142010-01-07T22:32:56.218-08:002010-01-07T22:32:56.218-08:00कभी फुरसत मिले तो दिन में आना, और मानवीय कृत्यों क...कभी फुरसत मिले तो दिन में आना, और मानवीय कृत्यों का साक्षात सबूत पाना, अभी सो रहे हैं, इसलिए शांति के उपासक प्रतीत हो रहे हैं, <br />इंसान ही इंसान की नींदे उड़ाते है, फिर खुद चैन की नींद सोते है,..<br />बहुत खूब...चाँद के माध्यम से, बड़े अच्छे तरीके से मनोभावों को व्यक्त किया है..<br />५०वी कविता के लिया बहुत बहुत बधाई..ऐसे ही आपकी लेखनी सरपट भागती रहें और १०० का मुकाम भी जल्द ही आ जाए.rashmi ravijahttps://www.blogger.com/profile/04858127136023935113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-85036648042117036112010-01-07T21:43:20.425-08:002010-01-07T21:43:20.425-08:00बधाई सुन्दर रचना लिखी है आपनेबधाई सुन्दर रचना लिखी है आपनेरंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-20547912265594909722010-01-07T20:47:15.246-08:002010-01-07T20:47:15.246-08:00बहुत सुन्दर ख्याल-भाव मिश्रण विनोद जी ,
लेकिन आ...बहुत सुन्दर ख्याल-भाव मिश्रण विनोद जी , <br />लेकिन आपने चाँद से यह तो का दिया होता कि चाँद जी, जो आप सोचते है वो हकीकत में है नहीं, बस आपको दूर के ढोल सुहाने लगते है !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-23046436968412974272010-01-07T20:21:47.801-08:002010-01-07T20:21:47.801-08:00अरे विनोद भाई...
अब सुनिए ब्रेकिंग न्यूज़...
चा...अरे विनोद भाई... <br /><br />अब सुनिए ब्रेकिंग न्यूज़...<br /><br />चांद पृथ्वी की सुंदरता पर मोहित हुआ जा रहा था...तभी उसकी नज़र ब्लॉगिंग वाले कोने पर पड़ गई...चांद का अब कहना है...मैं जहां हूं, वैसा ही भला...<br /><br />जय हिंद...Khushdeep Sehgalhttps://www.blogger.com/profile/14584664575155747243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-65196463530434876692010-01-07T18:56:41.988-08:002010-01-07T18:56:41.988-08:0050 वीं कविता की बधाई .. आपकी ये रचना बहुत अच्छी ल...50 वीं कविता की बधाई .. आपकी ये रचना बहुत अच्छी लगी !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-12981250190302814122010-01-07T18:51:19.945-08:002010-01-07T18:51:19.945-08:00बढियां रचना की साथ ही आपको बहुत बधाई भी.बढियां रचना की साथ ही आपको बहुत बधाई भी.डॉ. मनोज मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07989374080125146202noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-19149492365868475982010-01-07T18:42:14.849-08:002010-01-07T18:42:14.849-08:00सुरज से पुछ्ना- जोरदार
पचासवीं कविता के लिए शुभकाम...सुरज से पुछ्ना- जोरदार<br />पचासवीं कविता के लिए शुभकामनाब्लॉ.ललित शर्माhttps://www.blogger.com/profile/09784276654633707541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-34267157344124102172010-01-07T18:23:59.031-08:002010-01-07T18:23:59.031-08:00चाँद क्या ...ये इंसान तो भगवान् को भी धोखा दे दें ...चाँद क्या ...ये इंसान तो भगवान् को भी धोखा दे दें ....<br />50 वीं कविता के लिए बहुत बधाई और 100 वीं कविता के लिए अग्रिम शुभकामनायें ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-29431707596703212532010-01-07T18:01:35.218-08:002010-01-07T18:01:35.218-08:00पचासवीं कविता की बधाई।
बहुत अच्छी कविता।पचासवीं कविता की बधाई।<br />बहुत अच्छी कविता।हास्यफुहारhttps://www.blogger.com/profile/14559166253764445534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-6674585282384712212010-01-07T13:41:22.233-08:002010-01-07T13:41:22.233-08:00बन्धु !
'हाफ सेंचुरी' की बधाई !!!
चाँद से ...बन्धु !<br />'हाफ सेंचुरी' की बधाई !!!<br />चाँद से आपकी गुफ्तगू पसंद आयी ..<br />पसंद आया , चाँद के बहाने 'धरती' पर कह जाना !Amrendra Nath Tripathihttps://www.blogger.com/profile/15162902441907572888noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-50385874742475109032010-01-07T10:00:07.837-08:002010-01-07T10:00:07.837-08:00Sach kaha,insaan hee insaan kee needen udate hain!...Sach kaha,insaan hee insaan kee needen udate hain!<br />50 kavita pe badhyi ho!kshamahttps://www.blogger.com/profile/14115656986166219821noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-18881433949836429512010-01-07T09:40:03.275-08:002010-01-07T09:40:03.275-08:00५० वीं कविता की बधाई..एक बहुत ही उम्दा रचना..
शुक...५० वीं कविता की बधाई..एक बहुत ही उम्दा रचना..<br /><br />शुक्र है खुदा का,तुम दिन में नही आते,<br /><br />अन्यथा इंसानी फ़ितरत देख कर,<br /><br />तुम भी सूरज की भाँति आग में जल जाते!!<br /><br />-क्या बात कही है.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-753155762960045309.post-24792695086027283612010-01-07T09:34:55.629-08:002010-01-07T09:34:55.629-08:00आप को पचासवी कविता की बधाई, हमारे यहां तो बादल ही...आप को पचासवी कविता की बधाई, हमारे यहां तो बादल ही बादल है, यह चांद कहा दिखे?राज भाटिय़ाhttps://www.blogger.com/profile/10550068457332160511noreply@blogger.com