आज मातृ दिवस पर इस हास्य कवि ने अपने शब्द माँ के नाम अर्पित किया है,जीवन मे एक ऐसा नाम जिससे हम कभी भी अलग नही हो सकते,और वो शब्द है "माँ".
माँ,ममता का असीम श्रोत हैं,
माँ,इस नश्वर जीवन की,अखंड ज्योत हैं.
माँ,एक पवित्र नाम है,
माँ,के बिना जिंदगी गुमनाम है.
माँ,निहित है,परमात्मा के स्वरूप मे.
माँ,बचपन के कठिन डगर पर,गोदी मे ज़कड़ कर,
माँ,जिसने चलना सिखाया, उंगली पकड़ कर.
माँ,जिसने हमारे खुशी के लिए आँसुओं को भी पीया है,
माँ,जीवन के अंधेरे पथ पर राह दिखाने वाली दीया है.
माँ,जिसने मुस्कुरा कर अपने हाथ से पहली कौर खिलाई,
माँ,जैसे कड़ी धूप,तपती गर्मी की शीतल परछाई.
माँ,बचपन के चंचल,मोहक,मुस्कान की जननी है,
माँ,जिससे यह संपूर्ण सृष्टि बनी है.
माँ,हमारे मूक बचपन की भाषा है,
माँ,जिसकी कोई नही परिभाषा है.
माँ,बसी है,ममतामय हर एक पल मे,
माँ,बसी है,पृथ्वी,आकाश,वायु और जल मे.
माँ,ही मूल में,माँ ही आधार है,
माँ,के लिए सारी जिंदगी उधार हैं.
माँ,समस्त रिश्तो से परे है,
माँ,दिशाहीन जीवन मे लक्ष्य भरे हैं.
माँ,किलकारी भरे, वात्सल्य का दर्पण है,
माँ,हमारी हर खुशी, तुम्हे अर्पण है.
माँ,जिसके लिए केवल मातृ दिवस ही सुखाय नही है,
माँ, जिसका दुनिया मे,कोई पर्याय नही है.
माँ की यादों के साथ फिर एक बार,
बचपन मे आगमन करता हूँ.
और विश्व के समस्त माताओं को,
मातृ दिवस पर, सिर झुका कर हार्दिक नमन करता हूँ.
Thats a marvelous creation...really "Ma" is the best gift from god given to us...Vinod thats an excellent tribute to all mothers in the world.....!!!
ReplyDeletebahut badhiya rachana . abhaar.
ReplyDeleteबहुत सुन्दर!!
ReplyDeleteमातृ दिवस पर समस्त मातृ-शक्तियों को नमन एवं हार्दिक शुभकामनाऐं.
बहुत सुन्दर !
ReplyDeleteमाँ एक सुन्दर कविता है ...जो हर कागज पे भली लगती है ...
ReplyDeleteमां की भावनाएं भरा प्यार हैं
ReplyDeleteमां ही से तो सारा संसार है
सारा जीवन ही नकद तत्पर है सदा
मां के लिए कभी नहीं कुछ उधार है
आपने अपनी कविता में मन से जो नमन किया है वो नमानम है।
neha &jooli
ReplyDeletema ek bahut achi rachana hai aur aapne apni is rachana ke madhyam se hume hi nahi samast logo ke bhawnao ko prastut kiya hai.
माँ एक जागृत मंत्र है
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