Friday, August 21, 2009

हीरोबाज़ी..

कुछ हीरोबाज़,जो अधिकतर वाहन स्टैंड पर पाएँ जाते है..


रजनीगंधा खा खाकर ,कुल दाँत सड़ाये बैठे हैं,

हीरोबाज़ी के ठप्पा, मुँह पर ठपकाये बैठे हैं.


लतखोरी मे पारंगत ,सब शरम घोल कर गटक गये,

दाँत निपोरी के तो जैसे,टिकिया खाए बैठे हैं,


पूर्ण लफंगा, सब से पंगा,फटा शर्ट पैंट अधटंगा,

चिकती चिकती लगा लगा कर,बबुआ काम चलाए बैठे हैं,


चार लफंगे और जोड़ कर,घूम रहे हैं,इधर उधर,

मँगनी की पल्सर लेकर , धूम मचाये बैठे हैं,


घर मे लोग रहे जैसे भी,इनकी शान सलामत हो,

पास पड़ोसी मे बस झूठी,धाक जमाए बैठे हैं,


बने निठल्ले घूम रहे है, ना करनी करतूत,

नाम करेंगे फ्यूचर मे ,सब को भरमाए बैठे हैं,


माँ,बापू को बहला-फुसला,रूपिया ऐठ रहे घर से,

बदनामी ही सही गुरु ,पर नाम कमाए बैठे हैं,

19 comments:

  1. पोल खोलक यंत्र की प्राप्ति पर बधाई।
    पर किस किस की खोलते रहोगे पोल।
    अच्‍छा चित्रण।

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  2. क्या बात है बहुतो की कलई खोल दी अपने कविता के माध्यम से

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  3. अरे भाइयों इस कविता को पढ़कर तो बदल जाओ, विनोद जी के साथ मैं भी विनम्र निवेदन करता हूँ
    ---
    मानव मस्तिष्क पढ़ना संभव

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  4. वाह भैया बड़ा मजेदार आइटम पेश किये हो

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  5. बहुत खूब -- सही चित्रण
    नाम करेंगे फ्यूचर मे ,सब को भरमाए बैठे हैं
    खासतौर पर माँ बाप को तो जरूर जो इतनी छूट दे देते है कि ये अपनी हीरोबाजी मे अव्वल होते जाते है.

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  6. भईया विनोद जी गिन गिन के बखान किया है ,,, अरे शर्म करो बेशर्मो ,, कुछ तो अमल करो विनोद जी की बातो पर ,, बहुत खूब विनोद जी ,, अगर आप जैसे विचार हम सभी रखे तो समाज कुछ बदल सकता है ,, बिलकुल नब्ज पर नजर रहती है आप की
    धन्यबाद
    सादर
    प्रवीण पथिक

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  7. कोई बात नहीं बुढ़ापे में ये सब नहीं होगा

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  8. अपना कोई खास लंफगई में अटक लिया है लगता है!!

    बेहतरीन चित्रण-ऐसे कईयों से साबका रहा है.

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  9. वाह विनोद जी आजकल खूब कलम चल रही है समाज के उपर बहुत बडिया रचना है पोल खोल जारी रखिये शुभकामनायें

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  10. श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभ कामनाएं

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  11. आज के बच्चों का सही चित्रण करती रचना ,बधाई

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  12. बहुत ही गहरे भाव के साथ लिखी हुई आपकी ये शानदार रचना बहुत पसंद आया! श्री गणेश चतुर्थी की हार्दिक शुभकामनायें!

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  13. बदनामी ही सही पर नाम तो कमा ही रहे हैं, शायद एक दिन बहुत बड़ी कुर्सी भी ये लोकतंत्र उन्हें दे जाये......

    वाह भाई वाह,
    बढ़िया और लाजवाब प्रस्तुति देकर सबको खुश कर दिया..........

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  14. बढ़िया रचना पर दूसरे और पांचवें शेंर में कुछ संशोधन जरूरी है
    पहले आप प्रयास करें बात ना बने तो मुझे बताएं शेष शुभ

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  15. Achchha topic chuna hai aapne is kavita mein. Asha hai aapki is kavita se aise logon ka apne bare mein matibhram door hoga.

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