पप्पू,पापा जी से बोला,
पापा एक सवाल बताओ,
इतना उपर उड़ जाता है,
कैसे गुब्बारा समझाओ.
पापा बोले ,बेटा पप्पू,
सही सवाल ढूढ़ कर लाओ,
ऐसे उल्टे प्रश्नों में तुम,
अपने को मत यूँ उलझाओ.
गुब्बारे में गैस भरी.है.,
सो वो उड़ता है,जाता ,
इतनी अकल नही है बुद्धू,
थोड़ा सा तो अकल लगाता.
एक मिनट फिर सोचा पप्पू,
फिर से अपना अकल लगाया,
पापा जी के पास में जाकर,
वहीं प्रश्न फिर से उलझाया.
बोला गैस में इतना दम है,
ऐसे गुब्बारे लहराते?,
वहीं गैस गर हम भी, पी लें,
तो क्या हम भी यूँ, उड़ जाते.
अगर असर सचमुच में है तो,
क्यों तुम ऐसे चिल्लाते हो,
गैस पेट में जब बनती है,
बोलो क्यों? ना उड़ जाते हो.
पापा बोले, ये पप्पू जी,
तुम हो हमसे बड़े महान,
जाओ जाकर सो जाओ अब,
कभी नही मैं दूँगा ज्ञान.
पप्पू के पावन मन में प्रश्न बहुत से आते हैं
ReplyDeleteपप्पू के पापा भी जिनका उत्तर देने में घबराते हैं
पप्पू को पता ही नहीं .. पेट में गैस बनने पर उडने के भय से ही तो पापा चिल्लाते हैं !!
ReplyDeleteपप्पू के सवालो का पापा क्यो नही देते सही जबाब, पप्पू ओर किस से पुछे? आप सब अपने बच्चो को सही जबाब जरुर दे,
ReplyDeleteसवाल तो वाज़िब ही है
ReplyDeleteपप्पू अति जिज्ञासु बालक मालूम पड़ता है. :)
ReplyDeleteबढ़िया रचना!!
बहुत बढ़िया रोचक कविता पप्पू और पप्पू के पापा की .. आनंद आ गया बधाई .
ReplyDeletevaah Vinod ji ..... haasy se bharpoor lajawaab likha hai ... Papoo ke maasoom sawaalon ka jawaab ab jaroor de dena .....
ReplyDeletehahahahahaahahaha.....yeh pappu bhi na sabko pareshan karta hai....hehehehehe
ReplyDeleteमेरी रचनाएँ !!!!!!!!!
पप्पू पास
ReplyDeleteपापा फेल
--ऐसी ही छोटी-छोटी बातों में
बड़े हास्य-व्यंग्य की संभावना छुपी होती है।
वाह बहुत बढ़िया और मज़ेदार लगा! पप्पू बहुत ही नटखट है पर उसके सवाल का जवाब देना भी ज़रूरी है!
ReplyDeletepappu ke sawal hai pareshan karne wale
ReplyDeletepapa ji hai bhole bhale par pappuji hai dimag wale
बेचारा पप्पू, सवाल अनुत्तर ही रह गया ! उसे कौन समझाए कि पेट की गैस भी नकली हो चली है !
ReplyDeleteसुंदर बाल कविता !
ReplyDeleteधा हा हा क्या बात है आजकल के बच्चों के सवाल भी हम कहाँ हल कर पाते हैं बहुत अच्छी रचना है बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया, लगता है कि पप्पू पास हो गया और पापा फेल.
ReplyDeleteबहुत बढिया.बच्चों के सवाल ऐसे ही होते हैं .
ReplyDeleteपप्पू जी पार पाने के चक्कर में लोग खुद पप्पू बन जाते हैं।
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11वाँ राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन।
गूगल की बेवफाई की कोई तो वजह होगी?
bahut badiya pandey sahib...kaamal kar diya....is baar tumhari kavita mei pappu pass ho hi gaya!!!!
ReplyDeleteसही बात है अगर ऐसा हो जाता तो पूरा आसमान गैस भरे इंसानों से भरा होता वैसे गैस पशुऒं में भी बनती है और हां पप्पू समझदार है पास होने लायक
ReplyDeleteबढिया । पप्पूजी का सवाल जायज है ।
ReplyDeleteमस्त है जी
ReplyDelete(अभी भी मुस्कुरा रहा हूं)
प्रणाम स्वीकार करें