इम्तिहान ज्यों ख़तम हुआ,कल्लू नें बाँधी आस,
हे भगवान चढ़ाइब लड्डू,बस करवा द पास,
बारहवीं के इम्तिहान का,टेंसन बहुत लिया,
गुलछर्रों के साथ साथ में,मेहनत खूब किया,
नकल कराने को चाचा ने पूरा ज़ोर लगाया,
पर किस्मत का मारा बुद्धू,वो भी ना कर पाया,
टीचर से लेकर चाचा तक,सब ने किया प्रयास,
हे भगवान चढ़ाइब लड्डू,बस करवा द पास,
पहले पेपर में ही उसकी,हालत हुई खराब,
हिलते-डुलते घर पहुँचा था,जैसे पिए शराब,
घरवाले डंडा ले दौड़े,मत पूछो क्या हुआ,
पापा बोले नालायक,मम्मी बोली कलमुंहा,
कहीं लटक ना जाए कल्लू ,होता यूँ आभास,
हे भगवान चढ़ाइब लड्डू,बस करवा द पास,
पढ़ना-लिखना एक नही था,दिन भर खेले गेम
किसी तरह कॉपी भरना,ही बस था उसका येम,
आगे के सारे पेपर भी,राम भरोसे हो पाए,
अब आगे ही पता चलेगा,कितना लिख कर के आए,
नंबर सोच-सोच कर कल्लू,होता बहुत उदास,
हे भगवान चढ़ाइब लड्डू,बस करवा द पास,
पास अगर हो जाते है तो,बाबू देंगे घड़ी,
फेल अगर जो हुए तो समझो,जम जाएगी छड़ी,
खर्चा-पानी बंद रहेगा,अगले साल परीक्षा तक,
चाहे जितना करे पढ़ाई,नही मिलेगी भीक्षा तक,
ठान चुका है रहने को, वो हर मंगल उपवास,
हे भगवान चढ़ाइब लड्डू,बस करवा द पास,
बहोत खूब ......
ReplyDeleteकल्लू से कहना आस न हरना
ReplyDeleteपास हुआ कि नहीं खबर करना
बहुत सुन्दर रचना विनोद जी, मज़ा आ गया.
सच्चे दिल से निकली प्रार्थना हैगी जी.. भगवान् जरूर सुनवे करेंगे.. :) बेहतरीन
ReplyDeleteविनोद भाई.... आपका हर अंदाज़ निराला है....
ReplyDeleteHa,ha! Aaj to 12 vi ka nateeja tha! Kallu kitne nambaron se fail hua?:)
ReplyDeleteक्ल्लू मियां ह्नुमान जी के नाम से सवा रुपये के परसाद की मन्नत मांग लो, जरुर पास हो जाओगे फ़िर हनुमान जी कोन सा सारा प्रसाद खायेगे, भोग लगा कर वाकी खूदी खा लेना
ReplyDeleteवाह क्या बात है! बहुत ही सुन्दर, शानदार और मज़ेदार लगा! लाजवाब रचना !
ReplyDeleteहा-हा, बहुत खूब विनोद जी , नकल के लिए भी तो अक्ल चाहिए !
ReplyDeleteबहुत कठिन स्थिति है!
ReplyDeletepandey ji badya hai:kalu ne bahut achi kera prayas per kya kalu hua paas..ladoo batage kalu ..
ReplyDeleteअगर भगवान को डायबिटीज हो गई तो , बिल्कुल पास नहीं करेंगे ।
ReplyDeleteपिज्जा चलेगा ।
वाह...वाह.....पप्पू पास हुआ या नहीं .....अब तो रिजल्ट भी निकल चुके .....????
ReplyDeleteक्या बात है.... भगवान को डाइरेक्ट आफर... चिंता ना करो काम हो जायेगा... दरअसल विनोद जी जब मैं छोटा था तो सोते वक्त बाबा कहानियां सुनाते थे एक था राजा, एक थी रानी, एक थी बुढ़िया, एक था चोर वगैरा-वगैरा... पर मुझे आज भी याद है कि उन कहानियों में चोर जब राजा के महल में चोरी करने जाता था तो अपने ईष्ट को सवा मनी कबूलता था.. नरेंद्र चंचल भी तो बरसों से गा रहे हैं... 'मां मुरादें पूरी कर दे हलवा बांटूंगी..... बहरहाल बधाई कि आपने एक बढ़िया थीम पर कविता बनाई. इस संदेश को कौन कैसे समझता है ये अलग विषय है... साधुवाद..
ReplyDeletehahaa exam aur uska fever
ReplyDeleteठान चुका है रहने को, वो हर मंगल उपवास,हे भगवान चढ़ाइब लड्डू,बस करवा द पास,
ReplyDeleteबहुत अच्छा हास्य है विनोद जी .. आपकी हास्य और व्यंग की रचनाओं के तो हम दीवाने हैं ... इम्तिहान के ताज़ा विषय पर बहुत सामयिक लिखा है ... लाजवाब ...
यदि किसी भी प्रकार पास न हो तो उसे मध्य प्रदेश भेज दीजिये पास हो जाएगा. वैसे सी. बी. एस. सी. बोर्ड भी अब पास होने के पांच मौके देने वाली है..
ReplyDeleteपप्पू पास हुआ कि नहीं ..? रिजल्ट तो आ गया..!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर शब्द रचना, बधाई ।
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