एक लंबी खामोशी के बाद ब्लॉग पर आज के कॉरपोरेट सेक्टर के एक सबसे कारगर हथियार चमचागिरी पर एक हास्य-व्यंग रचना प्रस्तुत कर रहा हूँ|
इसकी टोपी उसके सर,है युग का खास हुनर,
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर |
चमचागिरी के प्रथम पाठ से ही यह बात हुई पक्की
चापलूसी गर सीख गये तो होगी खूब तरक्की
जो साहब को हो पसंद,बस करना केवल काम वहीं
उसकी खूब बुराई हाँको,जो साहब को जँचे नही
झूठ बोलकर करो प्रशंसा कह दो तुम महान हो सर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
कभी न काटो बात बॉस की जो कह दे वो वही सही,
कहे आम को वो ईमली तो तुम भी बोलो ईमली जी
थोड़ा करो दिखाओ ज़्यादा,मूलमंत्र है यह रट लो
जहाँ काम ज़्यादा करना हो किसी बहाने से हट लो
फँसने के हालात दिखे तो हो जाना तुम छूमंतर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
तुच्चा सा भी काम करो तो हल्ला खूब मचाना तुम
ऑफीस में हर एक कानों तक यह चर्चा पहुँचाना तुम
बहुत कठिन था काम मगर तुमने इसको अंजाम दिया
सर जी के निर्देशन में तुमने मेहनत से काम किया
सीखो इसको अमल करो इससे ही बढ़ता है नंबर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
बॉस से पहले आना रोज,बॉस के बाद ही जाना रोज
राजनीति पूरे ऑफीस की सर जी को समझाना रोज
और तनिक घुलमिल सकते हो अगर करो अच्छी आगाज़
एक मीटिंग ठेके पर रखो अगर बॉस हो दारूबाज
और मित्रता बढ़ेगी जब दोनो बैठेंगे पी-पी कर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
इसकी टोपी उसके सर,है युग का खास हुनर,
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर |
चमचागिरी के प्रथम पाठ से ही यह बात हुई पक्की
चापलूसी गर सीख गये तो होगी खूब तरक्की
जो साहब को हो पसंद,बस करना केवल काम वहीं
उसकी खूब बुराई हाँको,जो साहब को जँचे नही
झूठ बोलकर करो प्रशंसा कह दो तुम महान हो सर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
कभी न काटो बात बॉस की जो कह दे वो वही सही,
कहे आम को वो ईमली तो तुम भी बोलो ईमली जी
थोड़ा करो दिखाओ ज़्यादा,मूलमंत्र है यह रट लो
जहाँ काम ज़्यादा करना हो किसी बहाने से हट लो
फँसने के हालात दिखे तो हो जाना तुम छूमंतर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
तुच्चा सा भी काम करो तो हल्ला खूब मचाना तुम
ऑफीस में हर एक कानों तक यह चर्चा पहुँचाना तुम
बहुत कठिन था काम मगर तुमने इसको अंजाम दिया
सर जी के निर्देशन में तुमने मेहनत से काम किया
सीखो इसको अमल करो इससे ही बढ़ता है नंबर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
बॉस से पहले आना रोज,बॉस के बाद ही जाना रोज
राजनीति पूरे ऑफीस की सर जी को समझाना रोज
और तनिक घुलमिल सकते हो अगर करो अच्छी आगाज़
एक मीटिंग ठेके पर रखो अगर बॉस हो दारूबाज
और मित्रता बढ़ेगी जब दोनो बैठेंगे पी-पी कर |
बन जाओगे खास बॉस के,लगे रहो बस इधर उधर ||
बढ़िया हास्य कविता
ReplyDeleteऔर तनिक घुलमिल सकते हो अगर करो अच्छी आगाज़
ReplyDeleteएक मीटिंग ठेके पर रखो अगर बॉस हो दारूबाज
हा हा हा ! सही कहा .
गुदगुदा गई रचना .
Bahut achche Vinod bhai
ReplyDeleteबॉस पुराण .. बहुत बढ़िया
ReplyDeleteएकदम मस्त
... बेहद प्रभावशाली अभिव्यक्ति है ।
ReplyDeleteबहुत खूब, लाजबाब !
ReplyDeleteबधाई हो...
ReplyDeletebahut badiya pandey ji :) Keep it up
ReplyDeleteमस्त हास्य कविता है विनोद जी ... आपके पुराने रंग अनुसार ...
ReplyDeleteस्वागत है आपका ...
Mast Pandey ji ...
ReplyDeleteKya khoob kahi pandey ji.. Bahut badiya
ReplyDeleteक्या बात है .....:))
ReplyDeletekya baat he pandey ji mul mantra sucess ka.
ReplyDeletekya baat he pandey ji. bahut acha
ReplyDeleteapne Mul mantra smajaha dia taraki pane ka.
Kya baat kya baat kya baat....
ReplyDeletebahut khooba\
ReplyDeleteबढ़िया......
ReplyDeleteचमचागिरी कॉर्पोरेट नहीं सब जगह अचूक रामबाण है..
गुदगुदाती हुई पोस्ट...
अनु