चंद लम्हें थे मिले,भींगी सुनहरी धूप में, हमने सोचा हँस के जी लें,जिन्दगानी फिर कहाँ
बढ़िया कमेंट है ।
सटीक व्यंग सर.:)रामराम#हिन्दी_ब्लॉगिंग
बेकार हल्ला मचाए हैं ,लोगों की समझ में आए तब न!
बढ़िया कमेंट है ।
ReplyDeleteसटीक व्यंग सर.:)
ReplyDeleteरामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
बेकार हल्ला मचाए हैं ,लोगों की समझ में आए तब न!
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