Thursday, February 25, 2010

जमाने के कुछ रंग,होली के संग...बुरा न मानों होली हैं.(विनोद कुमार पांडेय)

आप सभी भाइयों,बहनों और माता जी लोगों को होली की हार्दिक शुभकामना..प्रस्तुत है होली के संदेश के साथ साथ भोजपुरी में एक गुदगुदाती हुई रचना .

रंग लगायअ,भंग जमायअ,
गुझिया,पापड़ जम के खायअ,
होली क मस्ती हौ छाईल,
नाचअ,गायअ,धूम मचायअ,

कारोबार क चिंता छोड़अ,
मनवा के अपने तनि मोड़अ,
खाली खोपरि देखअ जेकर,
रंग भरअ,गुब्बारा फोड़अ,

पुरवइया सा मंद बहअ,
मज़े से दिल क बात कहअ,
दुनिया में बा दर्द बहुत,
पर ई दिन तू मस्त रहअ,

देखअ जमाना कईसन हौ,
फ़टल जींस भी फईसन हौ,
कहे के हौ बदलाव मगर,
हालत जईसन तईसन हौ,

घर-घर के तस्वीर अनोखा,
माई चटनी बाबू चोखा,
लड़का चोट्टा,लड़की ड़ाइन,
बाप के दूनो देवे धोखा,

उल्टा-पुल्टा आज क पीढ़ी,
डगमगात है अगली सीढ़ी,
लुढ़क रहा चेला दारू में,
गुरु लिप्त पीने में बीड़ी.

चाहे जईसन बोली हौ,
पर बात में हँसी ठिठोली हौ,
हमके इहे नीक लागेला,
बुरा न मानो होली हौ.

17 comments:

  1. इहे नीक लागेला,


    बुरा न मानो होली हौ.

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  2. बहुत ही सुंदर जी आप का यह गीत मजा आ गया

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  3. बढ़िया है भाई .... बहुत बढ़िया है ...

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  4. वाह पाण्डेय जी ,आज तो बनारसी अंदाज़ चमकल बा.

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  5. बिलकुल बुरा नही माना आपको व परिवार को होली की बहुत बहुत शुभकामनायें

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  6. आपको और आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!

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  7. आपको और आपके परिवार को होली पर्व की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!

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  8. होली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.

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  9. अब आये लाईन पर...वाह मजा आ गया.
    कहाँ हैं?

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  10. देखअ जमाना कईसन हौ,फ़टल जींस भी फईसन हौ,
    कहे के हौ बदलाव मगर,हालत जईसन तईसन हौ,
    ==
    जमाने के साथ रहे के हौ तब अईसन हौ

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