ईश्वर के अनमोल उपहार दोस्त और उसकी दोस्ती पर दो शब्द.
दोस्त,नेह का विशुद्ध उच्चारण है,
दोस्त,जीवन युद्ध जीतने का कारण है,
दोस्त,आँखों की चमक,उम्मीद की संरचना है,
दोस्त,ख्वाब एवम् ख़यालों की सुंदर अभिव्यंजना है.
दोस्त,स्वार्थ से हीन गुणवान शिक्षक है,
दोस्त,मानव का सर्वश्रेष्ट समीक्षक है,
दोस्त,भावनाओं से उमड़ता प्यार का सागर है,
दोस्त,जिसका बलिदान विश्व मे उजागर है.
दोस्त,मोहक सपनों का सजीव एहसास है,
दोस्त,व्याकुल नयनों की अटूट आस है,
दोस्त,साहस है,शक्ति है,सहारा है,
दोस्त,अंधेरी रात का चमकता सितारा है.
दोस्त,नियंत्रित,प्रवाहित इच्छाओं का झील है,
दोस्त,जीवन रूपी कैमरे का धुला हुआ रील है,
दोस्त,साहिल है,किनारा है,पतवार है,
दोस्त,बिना अधूरा यह संसार है.
दोस्त,विश्वास का दूसरा नाम है,
दोस्त,प्रेम की परीक्षा का परिणाम है,
दोस्त,मुस्कुराहट देकर गम दूर भगाते है,
दोस्त,धरा पर ईश्वरीय परछाई कहलाते है.
दोस्त एवम् दोस्ती दोनो का अभिनंदन करता हूँ,
दोस्ती जैसे अनमोल उपहार के लिए,
आज अपने सारे दोस्तों को नमन करता हूँ,
---- चुटकी----
ReplyDeleteरिमझिम रिमझिम
बूंदें पड़ती
ठंडी चले
बयार रे,
आजा अब तो
गले लग जा
छोड़ सभी
तकरार रे।
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आज फ्रेंडशिप डे है।
दुःख सुख में जो संग रहे, करे नहीं अभिमान
ReplyDeleteदोस्त की सन्सार में , है ये ही पहचान ।
हैप्पी फ्रैंडशिप डे ।
Oh! Wah! Sach! Dost kya kuchh nahee hota?
ReplyDeleteBahut khoob pndey ji... adbhut rachna hai yeh dosti par...
ReplyDeleteसुन्दर रचना
ReplyDeleteमित्रता दिवस की बधाई
खूबसूरत रचना .....आज के दिन की बधाई
ReplyDeleteबहुत सुंदर कविता. धन्यवाद
ReplyDeleteशुभदिन
बहुत ठेठ हिन्दी में सुंदर कविता लिख दी आज तो.
ReplyDeleteदोस्त,जीवन रूपी कैमरे का धुला हुआ रील है
ReplyDelete...वाह! बहुत खूब. बिलकुल नए अंदाज में दोस्ती की परिभाषित किया है.
इसमें आधा आखर और मिलाओ
ReplyDeleteदोस्ती को प्यार बनाओ
चार दिन की जिंदगानी जिसमें ढाई आखर प्यार के
Happy Friendship Day...
ReplyDeleteरचना की प्रस्तुति लाजवाब है। मित्रता दिवस की बधाई
ReplyDeleteaapko bhi mitrta diwas par shubhkamnaayen
ReplyDeleteबहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने दोस्ती पर! उम्दा प्रस्तुती!
ReplyDeleteमित्रता दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
दोस्ती को परिभाषित करती आपकी ये रचना अनूठी है...बधाई स्वीकारें..
ReplyDeleteनीरज
atyant sundar.
ReplyDeleteआपने आज की दोस्ती का जिक्र नहीं किया जो अपना मतलब साधने की नीयत से की जाती है.
ReplyDeletevinod ji...gud one..keep going!
ReplyDeleteसच है दोस्त से बढ़ कर कोई नही है इस दुनिया में .... अच्छी रचना है ... देरी से आने की क्षमा चाहता हूँ विनोद जी ... कुछ व्यक्तिगत कारणों से ब्लॉग जगत से दूर रहा पिछले दीनो....
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