Monday, January 24, 2011

बदनाम हो ना मुन्नी कोई,ना कोई ज़्यादा ही दबंग हो-----(विनोद कुमार पांडेय)

पिछले कुछ दिनों से आप व्यंग्य आलेख पढ़ रहे थे|आज थोड़ा हट कर एक ग़ज़ल पोस्ट कर रहा हूँ जिसे विशेष रूप से मैने नववर्ष के तरही मुशायरे के लिए लिखी है|बहर थोड़ी कठिन है सो यदि कहीं कोई त्रुटि हो तो माफ़ करें और अपना आशीर्वाद दें|धन्यवाद|


नए साल में,नए गुल खिलें,नइ हो महक,नया रंग हो
मन में नया उत्साह हो,नइ हसरतों के पतंग हो

भोजन मिले भूखे है जो,फुटपाथियों को छत मिले
आपस में हो सौहार्दयता,निर्धन धनी एक संग हो

हँस कर जियें सब बेटियों, माँ-बाप भी खुशहाल हो
ना दहेज की कोई माँग हो, ना ससुराल में कोई तंग हो

भय दूर हो सब हो सुखी, राहत मिले सब लोग को
बदनाम हो ना मुन्नी कोई,ना कोई ज़्यादा ही दबंग हो

कोई नया मोदी न हो,और ना कोई कलमाड़ी हो
घोटालेबाजी दूर हो,सरकार के सही ढंग हो

सब मान लें इस ध्येय को, भगवान सारे एक है
हिंदू-मुसलमाँ एक हो, ना धर्म के लिए जंग हो

चारो तरफ बस हो खुशी,मुस्कान हो हर अधर पर
विकसित हो अपना देश यूँ, बैराक ओबामा दंग हो

9 comments:

  1. चारो तरफ बस हो खुशी,मुस्कान हो हर अधर पर
    विकसित हो अपना देश यूँ, बैराक ओबामा दंग हो..
    sundar likha hai aapnen,dhnyavaad.

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  2. बस यह सब हो जाये तो कहने ही क्या..... बहुत अच्छी पंक्तियाँ हैं....

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  3. ऎसे सपने कभी सच नही होते, जिस देश मे दबंग जेसी फ़िल्मे हिट हो, मुन्नी ओर शीला के गंदे गानो पर नोजबान लडके लडकिया बेशर्मी से नाचे, वहां तो बिलकुल भी नही सच हो सकते ऎसे सपने,

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  4. विनोद जी, आपके भाव हमेशा की तरह अच्छे हैं और मैं सम्मान करता हूँ.
    गणतंत्र दिवस का मौका है, हम आप युवा हैं प्रार्थना के साथ साथ हालात को बेहतर बनाने के लिए यथोचित जनजागरण करें.
    अब बुराई के खिलाफ सख्ती से पेश आने की जरुरत है.

    जय हिंद!!

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  5. सब मान लें इस ध्येय को, भगवान सारे एक है
    हिंदू-मुसलमाँ एक हो, ना धर्म के लिए जंग हो

    काश कि ऐसा ही हो ।
    सुन्दर ग़ज़ल ।

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  6. Gantantr Diwas kee dheron badhayee!

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  7. ये तो गुरुदेव की तरही का मिसरा है .... बौट ही लाजवाब ग़ज़ल है विनोद जी ... बाज़ा आ गया .. सच लिखा है अलग हट के है ये ग़ज़ल ...

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  8. ... मा कश्चिद दुःखभाग्भवेत्।

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