चंद लम्हें थे मिले,भींगी सुनहरी धूप में, हमने सोचा हँस के जी लें,जिन्दगानी फिर कहाँ
वाह , वाह , वाह !छोटी बह्र में तकनीकि दृष्टि से परिपूर्ण सुन्दर रचना के लिए बधाई ।
बहुत खूब ...हमेशा की तरह अच्छी रचना के लिए बधाई भैया !
मिट जाना है एक दिन सब कुछकिसका कहाँ बसेरा साथीआस तभी तक जब तक साँसेक्या तेरा क्या मेरा साथीWah! Nihayat achhee rachana!
बहुत सुंदर!!
बहुत सुंदर रचना जी, धन्यवाद
वैसे ब्लॉग जगत के संदर्भ में कहें तोब्लॉग पोस्ट टिप्पणी का डेरा साथीबिना टिप्पणी दिए न जाना साथीगलती मेरी कभी मत बतलानाकमी मेरी न जतलाना रे साथीगिरीश बिल्लौरे और अविनाश वाचस्पति की वीडियो बातचीत
छोटी बहर में ग़ज़ल लिखना मुश्किल काम है फिर भी आपकी ग़ज़ल बढ़िया है..
आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।
विनोद कुमार पांडेय जी कोजन्मदिवस पर हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं
आपकी यह बेहतरीन रचना शुकरवार 21/12/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर लिंक की जाएगी…इस संदर्भ में आप के अनुमोल सुझाव का स्वागत है।सूचनार्थ,
बहुत खूब
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11 comments:
वाह , वाह , वाह !
छोटी बह्र में तकनीकि दृष्टि से परिपूर्ण सुन्दर रचना के लिए बधाई ।
बहुत खूब ...हमेशा की तरह अच्छी रचना के लिए बधाई भैया !
मिट जाना है एक दिन सब कुछ
किसका कहाँ बसेरा साथी
आस तभी तक जब तक साँसे
क्या तेरा क्या मेरा साथी
Wah! Nihayat achhee rachana!
बहुत सुंदर!!
बहुत सुंदर रचना जी, धन्यवाद
वैसे ब्लॉग जगत के संदर्भ में कहें तो
ब्लॉग पोस्ट टिप्पणी का डेरा साथी
बिना टिप्पणी दिए न जाना साथी
गलती मेरी कभी मत बतलाना
कमी मेरी न जतलाना रे साथी
गिरीश बिल्लौरे और अविनाश वाचस्पति की वीडियो बातचीत
छोटी बहर में ग़ज़ल लिखना मुश्किल काम है फिर भी आपकी ग़ज़ल बढ़िया है..
आपने बड़े ख़ूबसूरत ख़यालों से सजा कर एक निहायत उम्दा ग़ज़ल लिखी है।
विनोद कुमार पांडेय जी को
जन्मदिवस पर हार्दिक बधाइयां और शुभकामनाएं
आपकी यह बेहतरीन रचना शुकरवार 21/12/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर लिंक की जाएगी…
इस संदर्भ में आप के अनुमोल सुझाव का स्वागत है।
सूचनार्थ,
बहुत खूब
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