Sunday, December 23, 2012

तू आतंकी टाप गुरु----(विनोद कुमार पाण्डेय )

पिछले कुछ दिनों से एक आतंकवादी का नाम बहुत सुर्ख़ियों में है। मैंने भी अपनी प्रतिक्रिया स्वरूप कुछ लाइनें अपने अंदाज में लिखी है। देखिएगा, आपके प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा। 


तू आतंकी टाप गुरु 
तो हम तेरे बाप गुरु 

भारत के दिल पर हमला कर
की है तूने पाप गुरु 


आदम के स्वरूप में निकला  
तू विषधारी  साँप गुरु 


तेरी सजा देख आतंकी
भी  जायेंगे काँप गुरु 


मृत्युदंड निश्चित है तेरी
मौत से दुरी नाप गुरु


जितने दिन लिखा है जी ले
बक ले अनाप सनाप गुरु 


जप ले रब दा नाम गुरु
कर ले पश्चाताप गुरु 


हिन्दुस्तानी  मेहमानी में
माल मुफ्त का चांप गुरु 

Tuesday, December 11, 2012

दर्द ही जब दवा बन गई ---(विनोद कुमार पाण्डेय )

मित्रों,हास्य-व्यंग्य से थोडा हटकर एक ग़ज़ल पेश कर रहा हूँ । अच्छा लगे तो  आशीर्वाद  दीजियेगा।|

दर्द ही जब दवा  बन गई 
मुस्कराहट अदा बन गई 

राह इतनी भी आसाँ न थी 
जिद मगर हौसला बन गई

सीख माँ ने  जो दी थी मुझे
उम्र भर की सदा बन गई 

संग दुआ जो पिता की रही 
बद्दुआ भी  दुआ बन गई 

पाप कहते थे जिसको  कभी 
छल-कपट  अब  कला बन गई  

झूठ वालों की इस भीड़ में 
बोलना  सच बला  बन गई  

चाँद से चाँदनी क्या मिली 
रात वो पूर्णिमा बन गई  

चूमना है गगन एक दिन 
ख्वाब अब प्रेरणा बन गई