Sunday, July 2, 2017

ट्यूबलाइट ---(विनोद कुमार पांडेय )

नाच मेरी जान होके मगन तू,छोड़ के सारे किन्तु परन्तु , आज जैसे ही ट्यूबलाइट का यह दार्शनिक गाना कान में पड़ा वैसे ही दिमाग के सारे तार झनझना गए ,झनझनाये इस बात पर कि जाने क्यों आजकल सब लोग नाचने-नचाने के पीछे बड़े जोर-शोर से पड़े हैं ,और इस गाने में तो गीतकार महोदय ने साफ-साफ़ इस बात की ओर इंगित किया कि आज के टाइम में नाचना ही मोक्ष का द्वार है ,समस्त चिंताओं का नाश है | मानो गाना न हो गया कोई गीता का सार हो | 

जमाना बदला,लोग बदले तो बात भी बदल गयी और बात कहने का तरीका भी | कभी एक जमाना था जब राजेश खन्ना जी बोले थे कि नाच मेरी बुलबुल तुझे पैसा मिलेगा ,और आज जब लोग पैसे के पीछे जमकर उछल कूद कर रहे हैं तब सलमान खान जी मुफ्त में नाचने की बात कर रहे हैं,वो भी बेशर्म होकर | ऐसा कह कर उन्होंने राजेश खन्ना जी का भी सारा गणित ख़राब कर दिया |कमर मटकाने की महिमा का वर्णन ऐसे किया जैसे जिंदगी में नाचना ही जीवन का अंतिम लक्ष्य हो और इससे इतर बाकि कुछ माया मोह | 

खैर इस आधुनिक युग में कुछ भी जरा जोर लगा कर कह दो तो चल जाता है ,गाना हिट है ,लोग झूम नाच रहे हैं ,आगे और भी झूमने वाले लोग निकल-निकल कर आएंगे |कुछ दिनों पहले जो लोग भैस चराने गए थे इस बार वो भी नाचते हुए मिलेंगे | अद्भुत शक्ति होती है ऐसे गानों में | वैसे भी चटपटे गानों पर नींबू डाल कर बेच देने में सलमान खान को महारत हासिल है और आधा भारत उनकी इस नैसर्गिक प्रतिभा का भयंकर कायल है |

सभी ने देख ही लिया है कि बजरंगी भाईजान कैसे अखाड़े में दंड बैठकी मार कर सुल्तान बन गया था ,पर ट्यूबलाइट सुल्तान की जिंदगी में रोशनी नहीं कर पायी फिर भी वो लोग  किन्तु-परन्तु छोड़ कर नाच सकते हैं  ,जो  सलमान खान के भक्त हैं | 

--विनोद पांडेय

3 comments:

ताऊ रामपुरिया said...

अच्छी समीक्षा की आपने ट्युब्लाईट की.

रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग

Rohit Singh said...

लगता है विस्तार की तैयारी है..य़ानि खुलकर आगे की तैयारी

देवेन्द्र पाण्डेय said...

हम्म.