Sunday, March 25, 2018

बेटे की शादी करने जब चले अनोखे लाल

बदली बदली सूरत थी  बदली बदली चाल,
बेटे की शादी करने जब चले अनोखे लाल |

रंगदार कुर्ता बनवाएँ चूड़ीदार पाजामा
बाँधे घड़ी टाइटन की जो दिए थे बंशी मामा
फुल पॉलिश से चमक रहा पैरों में काला जूता
पगड़ी सर पर शोभे जैसे पंचायत के नेता
दाढ़ी-मूँछ सफाचट करके, रंग डाले कुल बाल | बेटे की शादी ....

एक मारुति मँगवाए थे अपने लिए अकेले
बगल गाँव से बुलवाए थे तीन लफंगे चेले
बात बात पर जय-जयकारी  पट्ठो से लगवाते थे
चिकनी चमेली वाला गाना बार बार बजवाते थे
ठुमका लगा-लगा कर अपना, हाल किए बेहाल |बेटे की शादी ....

समधी के घर दरवाजे पर  धमा-चौकड़ी खूब मचाए
जम कर के जलपान किए  पान भाँग के खूब चबाए 
लगे झूमने फिर आँगन में देख घराती थे हैरान
ज़ोर ज़ोर से बोल रहे थे मुँह में लेकर मगही पान
थूक दिए समधिन के उपर, जम के मचा बवाल |बेटे की शादी ....

समधिन ने दो दिए जमा के, गाल हो गये लाल,
बेटे की शादी करने, जब चले अनोखे लाल |

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