Sunday, November 15, 2009

पप्पू जी का एक सवाल और पापा जी भी हैरान हो गये

कुछ दिनों की व्यस्तता के बाद आज थोड़े फुरसत के पल मिलें और बस फिर एक और कविता. आज एक नटखट बच्चे के शरारत भरे प्रसंग को हास्य कविता बना कर प्रस्तुत कर रहा हूँ...आशीर्वाद दीजिएगा!!!

पप्पू,पापा जी से बोला,
पापा एक सवाल बताओ,
इतना उपर उड़ जाता है,
कैसे गुब्बारा समझाओ.

पापा बोले ,बेटा पप्पू,
सही सवाल ढूढ़ कर लाओ,
ऐसे उल्टे प्रश्नों में तुम,
अपने को मत यूँ उलझाओ.

गुब्बारे में गैस भरी.है.,
सो वो उड़ता है,जाता ,
इतनी अकल नही है बुद्धू,
थोड़ा सा तो अकल लगाता.

एक मिनट फिर सोचा पप्पू,
फिर से अपना अकल लगाया,
पापा जी के पास में जाकर,
वहीं प्रश्न फिर से उलझाया.

बोला गैस में इतना दम है,
ऐसे गुब्बारे लहराते?,
वहीं गैस गर हम भी, पी लें,
तो क्या हम भी यूँ, उड़ जाते.

अगर असर सचमुच में है तो,
क्यों तुम ऐसे चिल्लाते हो,
गैस पेट में जब बनती है,
बोलो क्यों? ना उड़ जाते हो.

पापा बोले, ये पप्पू जी,
तुम हो हमसे बड़े महान,
जाओ जाकर सो जाओ अब,
कभी नही मैं दूँगा ज्ञान.


21 comments:

Unknown said...

पप्पू के पावन मन में प्रश्न बहुत से आते हैं
पप्पू के पापा भी जिनका उत्तर देने में घबराते हैं

संगीता पुरी said...

पप्‍पू को पता ही नहीं .. पेट में गैस बनने पर उडने के भय से ही तो पापा चिल्‍लाते हैं !!

राज भाटिय़ा said...

पप्पू के सवालो का पापा क्यो नही देते सही जबाब, पप्पू ओर किस से पुछे? आप सब अपने बच्चो को सही जबाब जरुर दे,

M VERMA said...

सवाल तो वाज़िब ही है

Udan Tashtari said...

पप्पू अति जिज्ञासु बालक मालूम पड़ता है. :)

बढ़िया रचना!!

समयचक्र said...

बहुत बढ़िया रोचक कविता पप्पू और पप्पू के पापा की .. आनंद आ गया बधाई .

दिगम्बर नासवा said...

vaah Vinod ji ..... haasy se bharpoor lajawaab likha hai ... Papoo ke maasoom sawaalon ka jawaab ab jaroor de dena .....

Mahfooz Ali said...

hahahahahaahahaha.....yeh pappu bhi na sabko pareshan karta hai....hehehehehe

मेरी रचनाएँ !!!!!!!!!

देवेन्द्र पाण्डेय said...

पप्पू पास
पापा फेल
--ऐसी ही छोटी-छोटी बातों में
बड़े हास्य-व्यंग्य की संभावना छुपी होती है।

Urmi said...

वाह बहुत बढ़िया और मज़ेदार लगा! पप्पू बहुत ही नटखट है पर उसके सवाल का जवाब देना भी ज़रूरी है!

prabhat gopal said...

pappu ke sawal hai pareshan karne wale
papa ji hai bhole bhale par pappuji hai dimag wale

पी.सी.गोदियाल "परचेत" said...

बेचारा पप्पू, सवाल अनुत्तर ही रह गया ! उसे कौन समझाए कि पेट की गैस भी नकली हो चली है !

hem pandey said...

सुंदर बाल कविता !

निर्मला कपिला said...

धा हा हा क्या बात है आजकल के बच्चों के सवाल भी हम कहाँ हल कर पाते हैं बहुत अच्छी रचना है बधाई

Smart Indian said...

बहुत बढ़िया, लगता है कि पप्पू पास हो गया और पापा फेल.

वन्दना अवस्थी दुबे said...

बहुत बढिया.बच्चों के सवाल ऐसे ही होते हैं .

Arshia Ali said...

पप्पू जी पार पाने के चक्कर में लोग खुद पप्पू बन जाते हैं।
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11वाँ राष्ट्रीय विज्ञान कथा सम्मेलन।
गूगल की बेवफाई की कोई तो वजह होगी?

Aman Jain said...

bahut badiya pandey sahib...kaamal kar diya....is baar tumhari kavita mei pappu pass ho hi gaya!!!!

योगेन्द्र मौदगिल said...

सही बात है अगर ऐसा हो जाता तो पूरा आसमान गैस भरे इंसानों से भरा होता वैसे गैस पशुऒं में भी बनती है और हां पप्पू समझदार है पास होने लायक

Asha Joglekar said...

बढिया । पप्पूजी का सवाल जायज है ।

अन्तर सोहिल said...

मस्त है जी
(अभी भी मुस्कुरा रहा हूं)
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