मुस्कुराते पल-कुछ सच कुछ सपने
चंद लम्हें थे मिले,भींगी सुनहरी धूप में, हमने सोचा हँस के जी लें,जिन्दगानी फिर कहाँ
Tuesday, September 14, 2021
हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ 2021 - विनोद पाण्डेय
मुक्तक -3
सूट-बूट हो भले विदेशी दिल देशी कहलायेगा
हिन्दुस्तानी कहीं रहे हिंदी को गले लगाएगा
भले झाड़ता हो कोई दिन-रात सिर्फ अंग्रेजी ही
बाथरूम के अंदर तो हिंदी गाना ही गायेगा l
~विनोद पाण्डेय
हिंदी दिवस की शुभकामनाएँ
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