Wednesday, September 9, 2009

फरीदाबाद ब्लॉगर्स स्नेह सम्मेलन मे ब्लॉगर्स के चटपटें कारनामे..अगर सभी उपस्थित हुए तो-एक मजेदार परिकल्पना

12 सितंबर दिन शनिवार,ओल्ड फरीदाबाद मॉडर्न स्कूल सेक्टर-17 में आयोजित ब्लॉगर्स स्नेह सम्मेलन में होने वाले धूम धमाके की एक परिकल्पना.

फरीदाबाद मे लगेगा ब्लॉगर्स का मेला,
जुटेगे बड़े बड़े महाशय,
सबके होंगे अलग अलग आशय.

अब मैं बताता हूँ,कैसे कैसे सीन हो सकते है,
देखिएगा आप मेरी कल्पनाओं मे खो सकते है,
थोड़ी देर के लिए सच को भी मत पहचानिएगा,
कुछ अनुचित भी लगे,तो भी बुरा मत मानिएगा.

क्योंकि कोई भी अपनी आदत से बाज़ नही आता है,
और करता वही है,जो उसके मन को भाता है,
अब ज़रूरी नही जो हमारे मन को भाए,
वो ब्लॉगर्स सोसाइटी मे,भी महत्वपूर्ण योगदान निभाए.

इसलिए हम अलग अलग हो सकते है,विचारो मे,
दुनियाँ भर की घटनाओं और सामाजिक प्रचारों मे,
फिर भी अपने अंदाज मे ही रंग भरेंगे,
और देखिएगा कैसे कैसे दूसरों का ध्यान भंग करेगें.

कोई अपनी कहेगा,कोई दूसरे की सुनाएगा,
कोई बैठ के बिना सुन ताल के गीत गाएगा,
कोई कहेगा मेरे पोस्ट पर कमेंट किया करो भाई.
और कुछ देंगे नयी नवेली, सरकार को दुहाई.

कुछ आज पर प्रवचन देंगे,कुछ लोग कल पर,
कुछ कर्म प्रधान कहेंगे,कुछ ज़ोर देंगे फल पर,
कुछ मायानगरी के मायावी,बसिन्दो की बात करेंगे,
कुछ उड़ना सिख रहे,नये नये परिंदो की बात करेंगे.

अविनाश जी अपने दूरसंचार और परेशानी जनता को बतलाएँगे,
सुभाष जी ब्लॉग को सुरक्षित रखने के नुक्से बताएगे,
विजय कुमार जी अपने कविताओं को मन से बाहर लाएँगे,
सुरेश शर्मा जी बैठ कर खूब कार्टून बनाएँगे.

संगीता जी अपने ज्योतिष् शास्त्र की कहानी बताएँगी,
निर्मला जी हिन्दी साहित्य मंच की शोभा बढ़ाएँगी,
राजेश जी ब्लॉगर्स को उत्साहित भावनाएँ देंगे,
और समीर जी बस दूर से ही शुभकामनाएँ देंगे.

शास्त्री जी,शब्दों के दंगल में उच्चारण करेंगे,
तनेजा जी, हँसने और हंसाने का कारण कहेंगे,
साहित्यशिल्पी हिन्दी के मान को बढ़ाएगी,
यूनुस जी की रेडियोनामा भी गुनगुनाएगी.

भाटिया जी के शिकायत दूर किए जाएँगे,
महेंद्र जी समयचक्र की महिमा बताएँगे,
दर्पण शाह जी हमे प्राची के पार ले जाएँगे,
सब आचार्य सलील जी के दोहे सुनाएँगे.


अलबेला जी राजनीति पर चोट करेंगे,
योगेंद्र जी हास्य व्यंग से सभी को लोट-पोट करेंगे,
हिंदयुग्म भी एकता के परचम लहराएगी,
ओम जी की मौन कविता सब कुछ व्यक्त कर जाएगी.

विनीत कुमार मोहल्ले को मीडिया मंत्र सिखाएँगे,
कुलवंत जी खिड़की खोलने और खुलवाने का तंत्र सिखाएँगे,
दिनेश जी अदालत से तीसरा खंभा हिला देंगे,
सुशील कुमार जी पतझड़ मे भी फूल खिला देंगे.

छोक्कर जी,आपके उत्सुक मन की तलाश उलझा देंगे,
संजय बैरागी,तरकसी से समस्त पहेली सुलझा देंगे,
आदित्य रंजन स्वाद और स्वास्थ्य की दवा देंगे,
विवेक रस्तोगी कल्पतरु बन कर शीतल हवा देंगे.

हम बैठ कर आप सब से कुछ सिख लेंगे,
अच्छा लगेगा और हृदय की पन्नो पर लिख लेंगे,
अमल करके मैं भी आप सब के बताए पथ का राही बन जाऊँगा,
और ब्लॉग जगत का जीता जागता सिपाही बन जाऊँगा.

बस यही शुभकामना है,ये मिलन समारोह सफल रहे,
हम सभी के शुभ विचारों का शुभ प्रतिफल रहे,
ऐसे ही सबको हँसाते रहे,
विश्व संप्रदाय पर एक विश्वास सा छाते रहे,
हिन्दी और हिन्दुस्तान की उन्नति करे,
ताकि हमारे उपर हँसने वाले नज़र उठाने से भी डरे.




27 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर परिकल्‍पना है .. बढिया आलेख .. पर
संगीता जी तो अपने घर में अफसोस करती ही रह जाएंगी .. सबों के सम्‍मुख अपने ज्‍योतिष की कहानी सुना न पाएंगी ।

अविनाश वाचस्पति said...

विनोद जी ने तो विनोद ही विनोद में ब्‍लॉगर्स स्‍नेह सम्‍मेलन का एक जीवंत खाका चित्रित कर दिया। आप भी इसमें टिप्‍पणियो के रूप में जोड़ सकते हैं।

राजीव तनेजा said...

बहुत ही सुन्दर परिकल्पना....बधाई ...

मीत said...

निश्चित ही परिकल्पना हो तो ऐसी....
बेहतरीन...
मीत

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

बहुत सुंदर वर्णन किया है आपने। एकमद आंखों देखा वर्णन।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }

रज़िया "राज़" said...

हिंदयुग्म भी एकता के परचम लहराएगी,ओम जी की मौन कविता सब कुछ व्यक्त कर जाएगी.
बस यही शुभकामना है,ये मिलन समारोह सफल रहे, हम सभी के शुभ विचारों का शुभ प्रतिफल रहे,ऐसे ही सबको हँसाते रहे,विश्व संप्रदाय पर एक विश्वास सा छाते रहे, हिन्दी और हिन्दुस्तान की उन्नति करे, ताकि हमारे उपर हँसने वाले नज़र उठाने से भी डरे.
शुभकामनाओं के साथ......बधाई।

प्रवीण त्रिवेदी said...

सुंदर वर्णन किया है आपने!!!!

दिगम्बर नासवा said...

सुंदर परिकल्‍पना विनोद जी सुंदर वर्णन है ...शुभकामनाओं के साथ.....

Gyan Darpan said...

बहुत सुंदर परिकल्‍पना :)

आलोक सिंह said...

बहुत सुन्दर परिकल्पना , बस ये परिकल्पना याथर्थ में बदल जाये

निर्मला कपिला said...

विनोद जी बहुत सुन्दर परिकल्पना है मगर हमे टाईम् ही नही दिया गया कि समय पर टिकेट बुक करवा सकते। नहीं तो आने का बहुत मन था । धन्यवाद् ।

Unknown said...

विनोद जी ने तो विनोद ही विनोद में ब्‍लॉगर्स स्‍नेह सम्‍मेलन का एक जीवंत खाका चित्रित कर दिया।

बहुत ही सुन्दर परिकल्पना....बधाई ...

अनिल कान्त said...

बहुत सुन्दर परिकल्पना है जी

शेफाली पाण्डे said...

waah...bahut badhiya...

सुशील कुमार जोशी said...

मैं भी वाह वाह तो कर ही सकता हूँ ।

महेन्द्र मिश्र said...

आपके नाम के अनुरूप विनोदी परिकल्पना है . आपकी परिकल्पना ने सभी को समेट लिया आप बधाई के पात्र है .

Randhir Singh Suman said...

बहुत सुन्दर परिकल्पना.nice

दिनेशराय द्विवेदी said...

आप की परिकल्पना सच हो!

इरशाद अली said...

हम तो कार्यक्रम में उपस्थित रहकर लाइव मजा लेगें मित्र

Urmi said...

बहुत ही सुंदर रूप से आपने प्रस्तुत किया है ! मुझे बेहद पसंद आया! आपको बधाइयाँ और शुभकामनायें!

मुनीश ( munish ) said...

I wish u knew something about the Great Himalayan Bloggers' Meet 2008. Faridabad for a meet ? Well.... i wish u luck !!

कुलवंत हैप्पी said...

अगर कोई कल्पना हो, तो ऐसी हो

दिल को भाए, लिखत आप जैसी हो

बहुत मजा आया...

virendra sharma said...

rang laayegi hamaari faakaa masti ek din .
badhaai ,aane kaa man hai ,inshaa allaah dekho kyaa hotaa hai .
veerubhai1947.blogspot.com

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali) said...

waaqai mein bahut hi sunder parikalpna.......

likhte rahiye.......

main to apka fan ho chukahoon....

मुकेश कुमार तिवारी said...

विनोद जी,

विनोद अच्छा रहा।

शायद ऐसा ही हुआ होगा ब्लॉगर्स सम्मेलन में खूब चित्र खींचा, भाई।

सादर,


मुकेश कुमार तिवारी

KK Yadav said...

Bahut khubsurat parikalpana hai apki....yahi to bloggars ki duniya hai.

"शब्द सृजन की ओर" पर क्रमवार देखें- "हिंदी का सफरनामा"

shama said...

Mazedaar to tha hee..!