Saturday, April 30, 2011

दिल की बात बताती आँखे---विनोद कुमार पांडेय

ब्लॉगर्स सम्मेलन और परिकल्पना उत्सव की सफलता के लिए सभी ब्लॉगर्स मित्रों को फिर से हार्दिक बधाई देना चाहता हूँ|हिन्दी साहित्य निकेतन और परिकल्पना उत्सव के समारोह के दौरान कई नये-पुराने मित्र मिलें जिनसे मिलकर बहुत खुशी हुई|साथ ही साथ ये भी पता चला की कुछ लोग हमसे नाराज़ बैठे है कि आजकल ब्लॉग लेखन में मेरी सक्रियता कुछ कम हो गई है|मित्रों,इस बात के लिए माफी चाहता हूँ,दरअसल आजकल व्यस्तता कुछ ज़्यादा ही बढ़ गई है|उम्मीद है आप लोग मुझे माफ़ करेंगे और इस वादे के साथ की अब आगे ऐसा नही होगा एक छोटी बहर की ग़ज़ल प्रस्तुत कर रहा हूँ|धन्यवाद|


दिल की बात बताती आँखें
आँखों को समझाती आँखें

नफ़रत,प्रीत व दर्द खुशी सब
बिन बोले कह जाती आँखें

अंधेरो से घिरे भवन में
जैसे दीया-बाती आँखें

छोटी जलपरियों के जैसे
इधर उधर मंडराती आँखें

है नन्ही सी लेकिन सारे
जग की सैर कराती आँखें

प्यार लुटाती है अपनों पर
बदले आँसू पाती आँखें

ऐसा दौर चला है जिसमें
पल-पल धोखा खाती आँखें

बूढ़े बाबा हँस कर बोले,
शाम ढली,ढल जाती आँखें

Saturday, April 2, 2011

जीत लिए हम विश्वकप--(विनोद कुमार पांडेय)

आप सभी को विश्वकप जीतने की बहुत बहुत बधाई..भारत की जीत के जश्न में मैनें भी कुछ शब्द जोड़ें है..कुण्डलिनी छ्न्द में मेरा पहला प्रयोग है..आपसे हौसला आफजाई की उम्मीद है..धन्यवाद


धोनी व गंभीर ने ऐसा किया कमाल,

मुरली की सब तान गई,हुए मलिंगा लाल,

हुए मलिंगा लाल, लगाया जब धोनी ने चौका,

जीत नही पाई श्रीलंका,गया हाथ से मौका,

श्रीलंकाई टीम की सूरत हो गई रोनी,

बड़े जोश से आगे बढ़ जब,छक्का मारे धोनी.


लाएँ हम फिर विश्‍वकप,स्वप्न हुए साकार,

जीते हम एक शान से, गई श्रीलंका हार,

गई श्रीलंका हार हुए संगकारा बहुत उदास

धोनी व गंभीर की नें रच डाली इतिहास

मुरली,महेला और मलिंगा भी ना कुछ कर पाएँ

और सचिन के लिए विश्व कप हम भारत में लाएँ..