Friday, September 30, 2016

बस नाम का शरीफ है ,शरीफ नहीं है---(विनोद कुमार पांडेय )

सर्जिकल स्ट्राइक की सफलता के लिए भारतीय सेना के जज्बे को सल्यूट करता हूँ ।प्रधानमंत्री और अजित डोभाल जी ने इस प्लान को बखूबी अंजाम दिया । हम सब बहुत खुश हैं फिर भी हमें खुशियाँ मनाने के साथ-साथ सावधान रहने की भी बहुत जरुरत है । खिसियानी बिल्ली खंभा नोचने का प्रयास कर सकती है।पर इस बार इनको और खतरनाक ढंग से सबक सिखाना होगा । वैसे भी पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आएगा और उनके सरताज के कारनामे तो जग जाहिर है ।

पिछले कुछ दिनों से भारत की झूठी गलतियाँ गिनाने वाले और कश्मीर में अलगाववादियों का खुलकर समर्थन करने वाले नवाज शरीफ को निश्चित रूप से सर्जिकल स्ट्राइक के रूप में एक बड़ा झटका लगा होगा ।संभव है कि इस घटना पर पूरी दुनिया के लोग सोच रहे होंगे कि सर्जिकल स्ट्राइक में आतंकियों को पकिस्तान में घुस कर मारा गया पर शरीफ क्यों चुप बैठा है । चुप ही नहीं बल्कि वह ऐसा क्यों कह रहा है कि ऐसा कुछ हुआ ही नहीं केवल गोलाबारी हुई है । यह सच है दुनिया के सामने शरीफ यह स्वीकार करने में हिचक रहा है कि पकिस्तान आतंकवादियों का समर्थन करता है पर यह भी सच है कि शरीफ ऐसे खामोश नहीं बैठने वाला है ,बहुत चालबाज है वह अतः उसकी खुराफाती दिमाग में कुछ न कुछ जरूर चल रहा होगा, कोई योजना उधर भी बन रही होगी । वैसे भारतीय सेना आने वाले किसी भी प्रकार के खतरे को टालने की शक्ति रखती  है फिर भी हम सभी को सावधानी की जरुरत है क्योंकि पाकिस्तानी चीफ नवाज शरीफ के नाम में शरीफ तो है पर वो शरीफ नहीं है । 

आतंकवाद से उसे तकलीफ नही  है,  
वो चीप आदमी है कोई चीफ नही है, 
मोदी जी उसका आप भरोसा नहीं करना, 
बस नाम का शरीफ है ,शरीफ नहीं है । 


*चीप =घटिया 
चित्र के लिए गूगल का आभार 

Monday, September 26, 2016

चिकनगुनिया ----(विनोद कुमार पांडेय )

चिकनगुनिया चिकनगुनिया चिकनगुनिया चिकनगुनिया
इधर भी है ,उधर भी है जिधर देखो चिकनगुनिया

गयी बरसात जब से है कहर ढाने लगे मच्छर,

लगे बीमार होने सब सभी को भा रहा बिस्तर,
किसी की नाक सूजी किसी का होंठ सूजा है,
किसी की खोपड़ी ऐसे दिखती जैसे खरबूजा है,

कोई भी बच न पाया चाहे पाठक हो चाहे पुनिया | चिकनगुनिया चिकनगुनिया....


किसी की टाँगे अकड़ी है किसी को दर्द है भारी,
दवाई बेअसर लगती हुई ऐसी महामारी,
जाँच पर जांच होता है मगर कुछ भी नहीं मिलता,
कमाई इतनी है कि डॉक्टरों का तोंद है हिलता,

बड़ी आबाद दिखती डॅाक्टरों की आजकल दुनिया | चिकनगुनिया चिकनगुनिया....

पड़ोसी के दुखों में कल मजे लेते मिले दूबे ,
सुबह देखा तो चड्ढा क्लिनिक पर लेटे मिले गुप्ता,
उधर दूबाईन के घुटने में रह रह दर्द होता है,
देख यह सब मोहल्ले केअधेड़ो का दिल रोता है,

पड़े हैं ओढ़ के चादर इधर लल्ला उधर मुनिया | चिकनगुनिया चिकनगुनिया....

नहीं कर पा रहा है कुछ प्रशासन देखता रहता,
मुझे वो भी चिकनगुनिया के झांसे में फँसा लगता,
बड़े अधिकारियों के घर भी हावी हैं बड़े मच्छर,
जरा देखो लगाते है निरंतर डॉक्टर चक्कर,

जो रसगुल्ला के जैसा था वहीं अब बन गया बुनिया |
चिकनगुनिया चिकनगुनिया चिकनगुनिया चिकनगुनिया
इधर भी है ,उधर भी है जिधर देखो चिकनगुनिया |