मुस्कुराते पल-कुछ सच कुछ सपने
चंद लम्हें थे मिले,भींगी सुनहरी धूप में, हमने सोचा हँस के जी लें,जिन्दगानी फिर कहाँ
Monday, September 12, 2016
न्यूज वर्ल्ड इंडिया पर रिकार्ड की गयी होली के कवि सम्मेलन के दूसरे भाग में हास्य कवि विनोद पांडेय
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