13B,अभी हाल मे रिलीज़,एक मूवी का नाम है,
भयानक,भूतों के मसीहा,भूतहा बाबा का एक भयंकर पैगाम है,
मॉर्डन युग मे भूत भी मॉर्डर्न हो रहे है,
पीपल का पेड़ छोड़कर,घर के गॉर्डेन मे सो रहे है.
कभी जमाना था,कही दूर पेड़ की डालियों पर हिलते थे भूत,
जंगल,रेगिस्तान,खेतों और, खंडहरों मे मिलते थे भूत,
आज देखो ज़रा,भूतों के आगमन का नया नया स्थान,
उनके माइंड मे भी चल रहा है,टेक्निकल एक्सपेन्सन का प्लान.
अब पंखा,कूलर,लिफ्ट,इलेक्ट्रिक वायरों मे आने लगे है,
सनसनाती,लहराती कार और उसकी टायरों मे आने लगे हैं,
दिन मे भी आकर अपने अस्तित्व के लिए जूझते हैं,
फ्रेंडली इतने की सब ख़ैरियत भी पूछते हैं.
भूतो के रहन-सहन का इतना अभूतपूर्व विकास,
उनको आधुनिक बनाने का इतना,सराहनीय प्रयास,
सभी लोग मूवी देखकर एकदम हिल गये हैं,
खबर है कुछ इंजीनियर भूतो से जाकर मिल गये है.
तभी तो प्रोद्धोगिकि विकास के साथ भूतों का विकास होने लगा है,
मशीनरी,इलेक्ट्रिक चीज़ों मे भी भूतो वास होने लगा है,
भुतिनि टेलिविज़न पर आकर,समाचार सुनने लगी है,
मनोरंजन की दुनिया मे एक अनोखी आस जगी है.
ऐसा ही रहा तो भूत,हीरो,हेरोइनो की तरह बिकेंगे,
सुबह से शाम तक,हर कार्यक्रम मे भूत ही भूत दिखेंगे,
अमानत,विदाई,बेटियाँ सब मे,भुतिनियाँ छाएँगी,
सास और बहू का रोल भी,चुड़ैल ही निभाएँगी.
छोटे पर्दे पर चंदू भूत,ऐक्टर की तरह ऐश करेगा,
भोला भूत रात को चित्रहार,पेश करेगा,
सलीम जिन्ह अपने फटीली आवाज़ मे सूफ़ी गाएँगे,
नट्टू नट लाफ्टर चैलेंज मे,चुटकुले सुनाएँगे.
भूतो के परिवर्तित स्वरूप का दूसरा पहलू भी ज़बरदस्त है,
मशीन की चीज़ों मे घुस कर बैठ जाना भी अपने मे मस्त है,
आदमी ने जब भूतो के आसियानो पर अपना घर बनाया,
तो भूतो के नाती पोतों ने,अपना थोड़ा दिमाग़ लगाया.
अब आगे भी ये ऐसे ही दिमाग़ लगते रहेंगे,
नये रूप,नये आकार,नये वेशभूषा मे आते रहेंगे,
अभी दूरदर्शन मे आएँ हैं,कल आकाशवाणी से गुनगुनाएँगे,
रेडियो मिर्ची मे मिर्ची गटक कर भुनभुनाएँगे.
रेड FM,93.7 की एंकरिंग भी सजाएँगे.
'बजाते रहो ' का बाजा भी अब भूत ही बजाएँगे,
खेल जगत के प्रोग्राम मे भी ये,धमाके दार इंट्री करेंगे,
प्रसार भारती के छत पर लटक कर,मैच की कमेंट्री करेंगे.
मोबाइल मे उतरे तो समझो कमाल हो जाएगा,
टेलीकॉम इंडस्ट्री मे भी धमाल हो जाएगा,
भूतो को मोबाइल से भगाने की तैयारी होने लगेगी,
नये नये साफ्टवेयर बनाने,की मारामारी होने लगेगी.
एंटी वायरस की तरह एंटी भूत खिलने लगेंगे,
1-2 महीने के लिए ट्रायल वर्ज़न भी मिलने लगेंगे,
सेयरटेल,रोडफोन के रिचार्ज कूपन भी आ सकते है,
ग़रीब जनता को मिलाएन्स के GSM भी भा सकते हैं.
जब कभी भी भूतो का, इस दुनिया से ऐसे टच होगा,
होगा या नही पर हुआ भी तो, एक बात बिल्कुल सच होगा,
भारत की भोली जनता का काम,आसानी से चल जाएगा,
टीवी,मोबाइल बदलने से ही,भूतो का प्रभाव टल जाएगा,
तांत्रिक,ठगो,अघोरिओं के अत्याचार से, जनता को आराम मिलेगा,
नये नये साफ्टवेयर बनाने मे भी, लोगो को कुछ काम मिलेगा,
सपने मे ही सही, दुनिया का स्वरूप बदल जाएँगे,
कुछ बेरोज़गार परिंदो के घर, दोनो पहर चूल्हे जल जाएँगे.
अब तो इंतज़ार ही बाकी है, ऐसे अप्रत्याशित आविष्कार का,
मीडिया के आइडिया और भूतो के चमत्कार का,
क्या पता आगे इन्हे,कंप्यूटर भी भा जाए,
हम मॉनिटर स्टार्ट करे और सामने भूत मुस्कुराए.
11 comments:
जिस ढंग से भूतों का महत्व बढता जा रहा है ... आपकी कल्पना साकार हो सकती है ... बढिया व्यंग्य।
Scary Commedy....Bhai tu dara raha hai ki hansa raha hai....good imagination.....I hope ghosts will forgive you after reading this....[:)]
क्या बात है दोस्त बहुत ख़ूब। मज़ा आ गया।
Mast hain pandey ji ...
Really Nice dude
it was really a scary poem , i loved it
Nice imagination on a scary movie....Good going Pandey ji
good one Pandey ji !!! Yuhin likthe rahoo
Sir very well composed .. mast likha hai [:D]
वाह अद्भुत भुतहा कल्पना है
भूतों ने गर पढ़ ली कविता
तो जल्द ही भूत भी रचेंगे व्यंग्य
डरा भी भूत करेंगे और
डराया भी भूत करेंगे
इंसान हो जाएगा बेकार
फिर तो भूत ही बनायेंगे सरकार।
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Thanks and Regards
Kanishka Kashyap
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