आज कल बड़े ही बेबाक शस्त्र के रूप मे उभर कर सामने आया है,तो भला हम इनके महत्व का वर्णन क्यों ना करें...आइए मिल कर पढ़े.....इम्पोर्टेंस ऑफ जूता.
प्रजातंत्र के गुरुओं ने,जूता,चप्पल अपनाया है,
अश्त्र बना कर इसे सभी आपस मे लड़ते रहते है,
दूँगा अभी एक,कुछ ऐसा,पकड़ के जूता कहते हैं.
राजनीति के गलियों मे,अब जूतो का आवाज़ रही,
ज़रा भी उल्टा मुँह से,निकले करे विपक्षी जम कर वार,
एक बार मंत्री जी बोले,जूता बोले बारॅम्बार.
कभी काटते थे पैरों को,आज ये चाँदी काट रहे,
जूता नाम नही है नीचा,इसका भी सम्मान है अब,
मंत्री जी के सिर की शोभा,सोचो कितनी शान है अब.
गाँव,गली कस्बे से लेकर संसद तक आबाद है ये,
कही लगा कुछ दिल को भारी,जूता जिंदाबाद है ये,
भाषन,शासन ठीक ना लगे,पड़े धड़ाधड़ फिर जूता,
हक़ का राशन ठीक ना लगे,पड़े धड़ाधड़ फिर जूता.
जूता,चप्पल पर विशेष,जल्दी टी. वी. पर आएगा,
घर से लेकर संसद तक,जो जम करदौड़ लगाएगा,
बनेगा जूता नंबर वन,जो नेता को को अर्पित होगा,
सर पे ले या माला पहने, दो ही जगह समर्पित होगा.
हर एक नज़र मे भाव बढ़ेगें,जूता नामक जात का,
नेता जी भी ट्रैनिंग लेगें जूतों की बरसात का,
घर मे बीवी से खाई जो,वही निशाना मारेंगे,
जूतों की मारामारी मे कभी नही वो हारेंगे.
जो पक्का पीटता होगा,वो रोज ही बाज़ी जीतेगा,
संसद मे सब बदला लेगा,घर मे जैसा बीतेगा,
जूतो की मारामारी पर,नज़र रखेगी ये जनता,
हार गया जो,जाकर उसको फिर पिटेगी ये जनता,
इतने मेहनत से भेजी थी,संसद मे पिट जाने को,
जूतावान बड़े नेता का,यूँ निशान मिट जाने को,
बाद मे उनको भेजेंगे,जो कभी नही यूँ हारेंगे,
बनेगें वो बड़का मंत्री,जो ज़्यादा जूता मारेंगे.
सच मे कही बदल जाएँ दिन,उसका जो इतना सहता,
लिफ्ट करा ले जूते को,अब आगे सिर पर ही पहने,
टोपी पैरों मे चिपका ले,मत पूछो फिर क्या कहने,
कुछ दिन बाद यही नेता,आराम से जूता झेलेंगे,
संसद के अंदर आकर, फिर टोपी टोपी खेलेंगे,
सब कुछ हो सकता है,भाई अपने भारत देश मे,
जहाँ घूमते बहरूपिया,साधु सज्जन के वेश मे.
3 comments:
इस जूता पुराण का पाठ
नेताओं की रैली में
चुनावी सभाओं में
अनिवार्य किया जाये।
Ha..ha..ha..Abosolute funny....
As like Avinash said...It may be the Official Election Anthem in upcoming future...
U have written a master piece....... which for a change if introduced or comes live might influence and infuse different spirits among people..
However ,jokes apart ......
Wonderfully written!!!!
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