बहुत दिन बीत गये आपको हंसाएँ, तो सोचा आओ फिर से हम आपको अपनी मुस्कुराती हुई काल्पनिक दुनिया की शैर कराते हैं, देश मे परिवर्तन के कुछ हालत दिखाई पड़ रहे थे,बस बैठ गया सोचने, देखिएगा, मैं श्योर हूँ,आप अपनी हँसी रोक नही पाएँगे..
राजनीति से फिल्मी सितारों का प्यार,
नोट के चपेट के लपेट मे सरपेट गये,इतने की,
संसद मे जाने को हो गये तैयार.
इसी चाहत मे जनाब ने बड़े-बड़े धक्के खाए,
मत पूछिए जनता ने कौन कौन से दिन दिखलाए,
कुछ खड़े थे,कुछ स्टेपनी बने, साथ मे घूमने आए थे,
भाषण तो आता नही था,डायलॉग ही चिपकाए थे,
मेरे देशवासियों,वोट देके देखो,फिर सुबह होगी,
नही दिखेगा, कही कोई भी,भूखा,नंगा और रोगी,
मौत के सौदाग़र के साथ खूनी खेल मे, बिन मौत मरेगा.
जो इस बेनाम बादशाह के साथ टकराने की, जुर्रत करेगा.
जीने नही दूँगा,दुश्मनो को जिंदा जला कर राख कर दूँगा,
चाँद तक दौड़ा कर मिसाइल से खाक कर दूँगा,
उनके नापाक इरादों के आगे, दीवार सा ठन जाऊँगा,
दिलीप कुमार से सन्नी देओल तक बन जाऊँगा.
ऐसे ही उटपटांग बातों से जनता को फुसला रहे थे,
कभी कॉमेडी के हीहीआते हीरो,कभी ट्रेजडी किंग बन जा रहे थे,
दाँत निपोरी से पार्लियामेंट तक के स्वप्न-ए-सफ़र मे डूब कर,
अपनी अदाकारी,कलाकारी,वफ़ादारी का तूनतूना बजा रहे थे.
अगर ऐसे ही बढ़ता रहा,सिलसिला इनके चुनाव लड़ने का,
मसिडीज़ छोड़ कर,बिना ब्रेक की साइकिल पर चढ़ने कर,
तो देखना आने वाला अगला चुनाव और भी मजेदार होगा,
जब दमदार नेताओं और फिल्मी सितारो के बीच मार होगा,
सोनिया के साथ ऐश्वर्या राय चुनावी पारी खेलेंगी,
विपाशा बशु को,सीधी सादी ममता बनर्जी जी झेलेंगी,
मेनका के सामने उर्वशी ढोलकिया रंग भरेंगी,
अंबिका सोनी को मल्लिका शेरावत दंग करेगी,
नरेंद्र मोदी से तुषार कपूर टकराएँगे,
लालू के रास्ते मे नाना पाटेकर अड़ेगें,
संजय दत्त डाइरेक्ट प्रधानमंत्री जी से लड़ेंगें.
अर्जुन सिंह के क्षेत्र से,ग़ज़नी स्टार खड़े मिलेंगे,
अपने रामपाल भइया भी,हाथी पर चढ़े मिलेंगे,
विनय पाठक,लालजी टंडन के वोट पर चोट मारेंगे,
विलास राव देशमुख, देखना, अपने ही बेटवा से हारेंगे.
इनके भी,अपने पार्टीओं की बड़ी बड़ी मीटिंग होगी,
देश चलाने के लिए,आपस मे दन,दना,दन सेटिंग होगी,
जान अब्राहम सामाजिक कल्याण,नशा उन्मूलन पर ज़ोर डालेंगे,
इमरान हाशमी युवाशक्ति जन मोर्चा की, बागडोर संभालेंगे.
शाहरुख ख़ान राष्ट्रीय खेल और जागरूकता बढ़ाएँगे,
परेश रावल जातीय समीकरण गड़बड़ाएंगे,
सन्नी देयोल तो वही बॉर्डर पर ही पड़े रहेंगे,
सपरिवार दुश्मनो के आगे मिसाइल लेकर खड़े रहेंगे.
सोचने मे ही हँसी आती है,ये क्रांति कैसी रंग लाएगी,
क्या मल्लिका सेरावत खद्दरधारी वस्त्र पहन पाएँगी,
जब कभी शांति यात्रा मे जाने के विचार दिल में ज़गेंगे,
तब सलमान ख़ान कुर्ते और टोपी मे कैसे लगेंगे.
बड़े ही सुंदर सुंदर लोग दिखेंगे,संसद के परिवेश मे,
गीत,संगीत ताक धीना-धिन,जम कर होगा खद्दरधारी वेश मे,
शूटिंग से जब फुरसत होगी,तो देश की बातें सोचेंगे,
क्या कर सकते है,वो सोचो अपने प्यारे देश मे.
इसके बाद कभी जब हम अपनी समस्या लेकर जाएँगे,
तब ये बैठ कर हमे मूवी का डायलॉग सुनाएँगे,
अपने देश मे लगी आग से जब हमारे परिजन मरेंगे,
और ये संसदीय उपवन मे डांस की प्रैक्टिस करेंगे.
11 comments:
vinod bhai , ab tak hans raha hoon .. kya karun bataye.. itni behtar haasay aur vyangya rachna hai ki kuch kaha nahi jaa raha hai ..aapki lekhni ko salaam hai bhai ..
aapko meri dil se badhai ..
meri nayi kavita padhkar apna pyar aur aashirwad deve...to khushi hongi....
vijay
www.poemsofvijay.blogspot.com
विनोदजी ,एक अच्छी और हास्य से भरी रचना के लिए बधाई ,
हास्य के साथ साथ इसमें एक यथार्थ कटाक्ष भी है |
Jai hho pandit ji
haa haa!! बहुत सही और मजेदार.
भरपूर कॉमेडी फिल्म स्क्रिप्ट
चट चटा चट चट चट लिपट
It was nice attempt....
Keep going .......
Good work Vinod. Padh kar bahut anand aaya
नोट के चपेट के लपेट मे सरपेट गये,इतने की,
संसद मे जाने को हो गये तैयार.
bhut bdhiya andaj.
I am not sure what will be the implication...
But this poem of yours is an awesome attempt of depicting the reality... which might be in store for us in due course of time..
Great Work!!!
फितूर के दस्तूर मे, लिपटे रहे है जो सदा.
आज हमको आपको,दिखला रहे है वो अदा.
जिस्म ही जीवन है जिनका,गर वो हमे चलाएँगे.
तो देश की स्थिति को वो, विपदा सा ही बनाएँगे.
आ भी जाए जो ये संसद, रूप क्या दिखलाएँगे.
भारत की लोकसभा , पेज थ्री पर लाएँगे.
और तो और ये ,ऐसे भी गुल खिलाएँगे.
विदेश मंत्री शाहरुख, गृह मंत्री काजोल से इश्क फरमाएँगे.
स्वास्थ्य कल्याण मंत्री जॉन, बार बार कार्पोरेट मंत्री बिपाशा के पास जाएँगे.
सलमान अकेले ही वन जनजीवन मंत्रालय संभाल कर , काले हिरनो को बचाएँगे.
क्योंकि अब तो ऐश्वर्या और अभिषेक साझे मे, परिवार नियोजन की नीतिया बनाएँगे
आनन बांनन में, कयी नये मंत्रालय बन जाएँगे,
सौंदर्य मंत्रालय , रूप निखार मंत्रालय इनमे उर्स फरमाएँगे.
बीच बीच मे केंद्रीय मंत्रालय की बैठको मे , एकन और माइकल बुलाए जाएँगे.
जो बढ़ती यौन शोषण की घटनाओ के, उनमोलन के नुस्खे सिखाएँगे.
कारण जौहर और यश चोपड़ा भी, इस बीच मैं रोल मे आएँगे
दोनो बारी बारी से, संसद के स्पीकर बनाए जाएँगे.
विनोद भाई ऐसा ही रहा तो ,हमारी आपकी कह कही पर बैन भी लग जाएँगे.
आम जनता को ज़बरदस्ती, नियम बनाके फ़िल्मे दिखलाएँगे.
और अपनी फ्लॉप फ़िल्मो को, बॉक्स ऑफीस पर हिट कराएँगे.
लेकिन ये कह कही ना रोकिएगा विनोद भाई,
शायद आप तब ,अगले गाँधी कहलाएँगे.
अगले गाँधी कहलाएँगे.
अगले गाँधी कहलाएँगे.
विनोद जी , बहुत अच्छी कटाक्ष भरी रचना है बहुत बढ़िया
www.vikaschhajed.blogspot.com
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