पिछले कुछ दिनों से एक आतंकवादी का नाम बहुत सुर्ख़ियों में है। मैंने भी अपनी प्रतिक्रिया स्वरूप कुछ लाइनें अपने अंदाज में लिखी है। देखिएगा, आपके प्रतिक्रिया का इंतज़ार रहेगा।
तो हम तेरे बाप गुरु
भारत के दिल पर हमला कर
की है तूने पाप गुरु
आदम के स्वरूप में निकला
तू विषधारी साँप गुरु
तेरी सजा देख आतंकी
भी जायेंगे काँप गुरु
मृत्युदंड निश्चित है तेरी
मौत से दुरी नाप गुरु
जितने दिन लिखा है जी ले
बक ले अनाप सनाप गुरु
जप ले रब दा नाम गुरु
कर ले पश्चाताप गुरु
हिन्दुस्तानी मेहमानी में
माल मुफ्त का चांप गुरु
6 comments:
तेरी सजा देख आतंकी
भी जायेंगे काँप गुरु ...
सच कहा है विनोद जी ... पर पहले सजा देने को राजी तो हो ये सरकार ...
:) सही है
आपकी कविता मन के संवेदनशील तारों को झंकृत कर गई। मेरी कामना है कि आप अहर्निश सृजनरत रहें। धन्यवाद।
सहमत हूं। अब तो सारी जिम्मेवारी सरकार पर है। मेरे नए पोस्ट पर आपका इंतजार रहेगा। धन्यवाद।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएँ... आशा है नया वर्ष न्याय वर्ष नव युग के रूप में जाना जायेगा।
ब्लॉग: गुलाबी कोंपलें - जाते रहना...
लिखने का एक सलीका ये भी है
अंतिम का तंज़ बेहद गजब का मारे हो भैया जी।
यहाँ पर आपका इंतजार रहेगा शहरे-हवस
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