भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए अन्ना हज़ारे जी के पहल और नेतृत्व को सलाम करते हुए देश की ताज़ा परिस्थितियों पर एक गीत प्रस्तुत कर रहा हूँ |आप भी गुनगुनाएँ जिससे मेरी लेखनी सफल हो जाएँ| धन्यवाद||
भ्रष्ट नेताओं के चेहरे की चमक गायब हुई,
पड़ गई है देश की सरकार पेशोपेश में |
देख कर के देश के परिवेश को यूँ लग रहा,
कुछ नया बदलाव हो कर ही रहेगा देश में ||
जिस पे हमने की भरोसा,वो ही धोखेबाज थे
कीमतें बढ़ती रही जब-जब भी उनके राज थे
आम जनता को बनाया है गया उल्लू सदा
बोलकर कुछ शब्द मीठे छल भरे संदेश में || देख कर के.....
मिल गई चोरो को कुर्सी और जनता त्रस्त है
कुछ गये पकड़े मगर,कुछ अब भी बाहर मस्त है
कानिमोझी और राजा ने उड़ाए माल अरबों
खाक होगी कुछ तरक्की,इस बुरे परिवेश में || देख कर के.....
दैत्य भ्रष्टाचार का कुछ इस तरह पीछे पड़ा
लूटते खाते रहें सब जिसके जो हत्थे पड़ा
तब करप्सन को मिटाने का लिए संकल्प मन में
आ गये बापू दोबारा अन्ना जी के वेश में || देख कर के.....
टीम अन्ना नें उड़ा दी नींद इस सरकार की
सोनिया,राहुल हुए फुर्र, फँस गये सरदार जी
कपिल सिब्बल हैं लगे अपने सियासी दाँव में
दिग्विजय पगला के कुछ भी बक रहें आवेश में || देख कर के.....
10 comments:
@@टीम अन्ना नें उड़ा दी नींद इस सरकार की
सोनिया,राहुल हुए फुर्र, फँस गये सरदार जी
कपिल सिब्बल हैं लगे अपने सियासी दाँव में
दिग्विजय पगला के कुछ भी बक रहें आवेश में...
वाह,एकदम सटीक.
Great my dear friend..
Great my dear friend..
समसामयिक विषय पर प्रभावशाली गीत
आज 23 - 08 - 2011 को आपकी पोस्ट की चर्चा यहाँ भी है .....
...आज के कुछ खास चिट्ठे ...आपकी नज़र .तेताला पर
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पूरी रचना ही सटीक है ... बहुत बढ़िया
जय हो टीम अन्ना की ... ये आंदोलन सफल हो तो कोई बात बने ...
बहुत अच्छे दोस्त!!!
Great!! Keep it up
Bahot Badhiya :) Keep it up!!!!
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