चंद लम्हें थे मिले,भींगी सुनहरी धूप में, हमने सोचा हँस के जी लें,जिन्दगानी फिर कहाँ
बढ़िया कमेंट है ।
सटीक व्यंग सर.:)रामराम#हिन्दी_ब्लॉगिंग
बेकार हल्ला मचाए हैं ,लोगों की समझ में आए तब न!
Post a Comment
3 comments:
बढ़िया कमेंट है ।
सटीक व्यंग सर.:)
रामराम
#हिन्दी_ब्लॉगिंग
बेकार हल्ला मचाए हैं ,लोगों की समझ में आए तब न!
Post a Comment