' एक शीशी गुलाब जल ' युवा कवि विनोद पांडेय का गीत संग्रह है | इस गीत संग्रह में 51 गीत हैं | बेहद खूबसूरत ,भावपूर्ण गीतों में विनोद ने जीवन के और समाज के कई चित्र उकेरे हैं | यह पुस्तक गीत की दुनिया में एक नया प्रयोग है जिसमें आपको कई विषयों पर कविताएँ पढ़ने को मिलेगी | लगभग हर रस का आनंद मिलेगा | आदर्शवाद और यथार्थवाद के दर्शन होंगे | सकारात्मक दृष्टिकोण दिखाई देगा | आप हँसेंगे भी ,आप रोयेंगे भी,आप उत्साहित भी होंगे | सामाजिक विसंगतियों पर प्रहार करने वाले गीतों को पढ़कर आप समाज के प्रति और जिम्मेदार होने की प्रेरणा प्राप्त करेंगें | किताब बाजार में जल्द आ रही है | आप जरूर पढ़ें और अपने प्रतिक्रिया से लेखक को अवगत कराएं | धन्यवाद
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