Wednesday, September 15, 2021

बीमार संभालें या बाजार संभालें- विनोद पाण्डेय

मुक्तक - 4


हालात बड़े ही बुरे दिखने लगे हैं अब

जनता गुहार कर रही,सरकार संभाले 

सरकार इसी कश्मकश में जूझ रही है  

बीमार संभालें या बाजार संभालें

  

---विनोद पाण्डेय



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